वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है। तो ऐसे व्यक्ति के विवाहमें देरी होती है। शादी टूट जाती है, यदि विवाह हो भी गया तो जीवन साथी से सामंजस्य नहीं बैठता। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इसका कारण कुंडली के सातवें भाव को विवाह या वैवाहिक जीवन का माना जाता है, और इस भाव में मंगल का होना अशुभ होता है। यह मंगल की स्थिति पति और पत्नी के बीच अहम के टकराव, तनाव, झगड़े और तलाक आदि का कारण बनती है। इसके अलावा व्यक्ति परकर्ज का बोझ बड़ता है। प्रॉपर्टी संबंधी कई तरह की समस्याएं भी आती है।
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