गङ्गा स्नान की विधि

img25
  • धर्म-पथ
  • |
  • 03 June 2025
  • |
  • 1 Comments

ऊषा की लाली से पूर्व ही स्नान करना उत्तम है। इससे प्राजापत्य व्रत का फल प्राप्त होता है। तेल लगाकर तथा देह को मल-मल कर गङ्गादि में स्नान करना मना है। वहाँ बाहर तट पर ही देह-हाथ मलकर नहा लेना चाहिये। इसके बाद नदी में गोता लगावे। शास्त्रों ने इसे 'मलापकर्षण' स्नान कहा है। यह अमन्त्रक होता है। स्वास्थ्य और शुचिता दोनों के लिये यह स्नान भी आवश्यक है। निवीती होकर गमछे से जनेऊ को भी स्वच्छ कर ले। इसके बाद शिखा बाँधकर आचमन और प्राणायाम कर दाहिने हाथ में जल लेकर सङ्कल्पपूर्वक स्नान करना चाहिये।

स्रान से पूर्व समस्त अङ्गों में निम्न मन्त्र से मिट्टी लगानी चाहिये-

अश्वक्रान्ते रथक्रान्ते विष्णुकान्ते वसुन्धरे । मृत्तिके हर मे पापं यन्मया दुष्कृतं कृतम् ।।

तत्पश्चात् गङ्गाजीके द्वादशनामोंका कीर्तन करे, जिसमें उन्होंने स्नानकालमें वहाँ अपने उपस्थित होनेका निर्देश दिया है-मन्त्र इस प्रकार है-

नन्दिनी नलिनी सीता मालती च मलापहा। विष्णुपादाब्जसम्भूता गङ्गा त्रिपथगामिनी । भागीरथी भोगवती जाह्नवी त्रिदशेश्वरी।

द्वादशैतानि नामानि यत्र यत्र जलाशये ॥ स्त्रानोद्यतः पठेज्जातु तत्र तत्र वसाम्यहम् ॥

इसके बाद नाभिपर्यन्त जलमें जाकर जलकी ऊपरी सतह हटाकर, कान और नाक बंदकर प्रवाह या सूर्यकी ओर मुख करके स्रान करे। शिखा खोलकर तीन, पाँच,

सात या बारह गोते लगावे। गङ्गाके जलमें वस्त्रको नहींनिचोड़ना चाहिये। शौचकालका वस्त्र पहनकर तीर्थोंमें स्रान करना तथा थूकना निषिद्ध है।

घरमें स्नान - घरमें स्नान करना हो तो स्नानसे पूर्व

गङ्गा आदि पवित्र नदियोंका निम्र मन्त्रसे जलमें आवाहन करना चाहिये-

गङ्गे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु ॥

तदनन्तर स्रान करे। स्नानके अनन्तर जलसे प्रक्षालित शुद्ध वस्त्र धारण कर देवार्चन करना चाहिये। ऊनी तथा कौशेय वस्त्र बिना धोये भी शुद्ध मान्य हैं। दूसरेका पहना हुआ कपड़ा नहीं पहनना चाहिये। लुंगी (बिना लाँगका वस्त्र) नहीं पहनना चाहिये- 'मुक्तकक्षो महाधमः ।' बल्कि धोती धारणकर सन्ध्या-पूजन आदि कर्म करने चाहिये।

तिलक-धारण - कुशा अथवा ऊनके आसनपर

बैठकर सन्ध्या-पूजा, दान, होम, तर्पण आदि कर्मोंके पहले तिलक अवश्य धारण करना चाहिये। बिना तिलक इन कर्मोको निष्फल बताया गया है।
 



1 Comments

abc
अनघ प्रकाश 04 June 2025

हर हर गंगे।

Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post Comment