तान्त्रिक आचार्यगण जिसे परमसत्ता कहते है, बही निष्कलपरमपद है। उसी को परमशिव कहा जाता है...
प्रत्येक महाविद्या की क्रिया के मूलभाव- बीजा-क्षरनाद (मूलबीज) में योगियों, सिद्धों ने प्रत्येक महाविद्या के बीज संयुक्त किए हैं। उस...
ब्रह्मा में सृष्टि-शक्ति, विष्णु में पालनशक्ति तथा महेश में संहारशक्ति निहित है। इसी प्रकार सूर्य में प्रकाश-शक्ति, अग्नि में तेजशक्ति, जल में शैत्य...
दक्षिणामूति का बाश्रयण करने से इसे दक्षिणाचार कहा गया है। यह आचार वीरभाव और दिव्यभाव सम्पन्न साधकों के लिए प्रवर्तित...
वैदिक विधि से संकल्पपूर्वक देवार्चन करना, मद्य-मांस का सेवन न करना, ब्रह्मचर्य पालन करना, लोभ-मोह से दूर रहना, एकान्त, शान्त...
तन्त्र में भाव बहुत ही गुरुत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्द है। कौलावली तन्त्र के ग्यारहवें उल्लास में बताया गया है कि 'भावपदार्थ'...
अस्य श्रीशिवपञ्चाक्षरी मन्त्रस्य वामदेव ऋषिः । पंक्तिः छन्दः । श्रीईशानो देवता । ओं बीजम् । नमः शक्तिः । शिवायेति कीलकम्...
तन्त्र शास्त्रों का मूलभूत सिद्धान्त है- इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति और क्रियाशक्ति। सर्वप्रथम इच्छा होती है कि मुझे यह चाहिए या यह...
तंत्र शब्द को लेकर भारतीय दर्शन एवं धर्म में अनेक भ्रान्तियाँ उत्पन्न हुई हैं। इसका मुख्य कारण है तन्त्र के...
आज भैरवी साधना से नाम. पर शोषण किया जाता है और कुछ अपने को भैरवी बताने वाली महिलाएँ भी अपने...