ग्रहण के समय जैविक प्रक्रियाएं धीमी हो जाती है अर्थात पाचन आदि की गति धीमी हो जाती है अतः भारी...
मनुभगवान्ने मृत्यु के आने का सर्वप्रथम कारण वेदों के अनभ्यास को बताया है। इस मन्त्र से तिलकी १०,००० आहुति देने...
हमारे देश में जहां धर्माचरण, साधना एवं गुरु की कृपा को भुलाया जा रहा है, वहीं समाज को मार्गदर्शन देने...
समस्त प्राणियों की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय का कारण प्राणवायु नहीं हो सकता। अतः यहाँ 'प्राण' नाम से ब्रह्म का...
शिवालय के प्रत्येक मंदिर में नन्दी के दर्शन सर्वप्रथम होते है! यह शिव का वाहन है! यह सामान्य बैल नहीं...
प्रातःसंध्या का तो समस्त कार्य पूर्वाभिमुख होकर ही करना चाहिये। परंतु मध्याह्न-संध्या और सायं-संध्या में अर्घ्य, उपस्थान और जप- सूर्य...
परब्रह्म हमारी कल्पना से परे है, अतः उसे ३ विभागों में वर्णन करते हैं। हर प्रकार से विभाजन करने पर...
वेदान्त-दर्शन में कहा गया है कि देवता एक ही समय अनेक स्थानों में भिन्न-भिन्न रूप से प्रकट होकर अपनी...
बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में जिन अनेक वर्गों ने भूमिका निभाई, उनमें ब्राह्मणों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा।...
यह विषय हम सीधे-सीधे कुण्डलिनी साधना से जोड़ रहे है। जो भी व्यक्ति साधनाओं में रूचि रखते हैं। वो आज्ञा...