मणि पद्म-आकाश गंगा के समुद्र में उसकी सर्पाकार भुजा शेषनाग है, जिसके ७ खण्डों को ऋग्वेद (९/५४/२) में आकाशगंगा की...
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, हिंदुओं के नव वर्ष का आरंभ दिन है । इसी दिन सृष्टि की निर्मिति हुई थी, इसलिए...
नारद पुराण में भी कहा गया है की चैत्रमास के शुक्लपक्ष में प्रथमदिं सूर्योदय काल में ब्रह्माजी ने सम्पूर्ण जगत...
वे धर्म भीरु थे। यह ही कारण है कि उन्हें धर्मराज कहा जाता है ।...
महर्षि पाणिनि के अनुसार-अञ्जू गति पूजनयो: धातु से अग्नि शब्द बना है, जिसका अर्थ है वह जिसमें गति है यानी...
देवता सर्वव्यापी हैं,मूर्ति में भी हैं और अमूर्त भी हैं । किन्तु विशिष्ट अनुष्ठानों में विशिष्ट विग्रहों में स्थित होकर...
सूर्य केन्द्रित चक्रों के रूप में ३ चक्र सौर मण्डल के भीतर हैं, जो विष्णु के ३ पद हैं। प्रथम...
जो किसी प्रकार के अञ्जन से नहीं दीखे या अनुभव किया जा सके वह निरञ्जन तत्त्व है। यह अति सूक्ष्म,...
परिवार तथा गोत्र से काटना ही कन्या दान है और इसका अधिकार उसके माता पिता को ही है। उसके बाद...
गायत्री २४ अक्षर का छन्द है। २ घात २४ = १ कोटि) सभी लोकों की माप है। विष्णु पुराण (२/७/४)...