सृष्टि के मूल में कर्म-संस्कार अवश्य है तथापि अपक्व संस्कार से सृष्टि नहीं हो सकती। इसके लिये काल अपेक्षित है।...
इतिहासों के अवलोकन से अवगत होता है कि-कोटिहोम का प्रचार प्राचीन समय में अत्यधिक था किन्तु इघर सैकड़ों वर्षों से...
लोकपरंपरा के अनुसार सूर्य देव और छठी मैया का संबंध भाई-बहन का है । लोक मातृका षष्ठी की पहली पूजा...
सामान्यतः अमावस्या अशुभ मानी जाती है, परंतु यह अमावस्या शुभ और आनंदमयी होती है। यह दिन हर कार्य के लिए...
दीपदान का अर्थ होता है आस्था के साथ दीपक प्रज्वलित करना। कार्तिक में प्रत्येक दिन दीपदान जरूर करना चाहिए।...
नवरात्रि के अंतिम तीन दिन साधना को बढ़ाने के लिए सत्त्वगुणी "महासरस्वती" की पूजा की जाती है। इन तीनों शक्तियों...
नवरात्रि के निमित्त हम इन देवियों के नौ रूपों की महिमा जानेंगे। नवरात्रि का व्रत अर्थात आदि शक्ति की उपासना...
“रामरक्षा” में राम अलग-अलग अंगों की रक्षा करते हैं, वैसे ही सप्तशती में ऋषियों ने बताया है कि कौन-सी देवी...
पितृपक्ष की अमावस्या को ही 'सर्वपितृ अमावस्या' कहते हैं l इस तिथि पर कुल के सभी पितरों के लिए यह श्राद्ध...
ग्रहण के समय जैविक प्रक्रियाएं धीमी हो जाती है अर्थात पाचन आदि की गति धीमी हो जाती है अतः भारी...