सुन्दर कुमार (प्रधान सम्पादक )- हिंदुओं को एकसूत्र में पिरोने के लिए देश भर में भिक्षा यात्रा कर गांव-गांव जाकर जाति हटाओ हिंदू एक हो जाओ की अलख जगाने वाले स्वामी दीपांकर ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर में भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की व उनका अभिषेक किया।
मंदिर में विराजमान अन्य देवी-देवताओं व गुरू मूर्तियों की समाधि की पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से भेंट की। महाराजश्री ने उनका पटका पहनाकर व स्मृति चिंह भेंटकर अभिनंदन किया। स्वामी दीपांकर व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने पत्रकारों के साथ बातचीत भी की। स्वामी दीपांकर ने कहा कि आज बांग्लादेश ही नहीं खुद भारत में भी हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। हिंदुओं पर आए दिन हमले हो रहे हैं। समूचे हिंदू धर्म को ही निशाना बनाया जा रहा है तो इसका एकमात्र कारण हिंदुओं का एकजुट ना होना व विभिन्न जातियों में बंटना है। उनकी भिक्षा यात्रा का उददेश्य जातिवाद को खत्म कर हिंदुओं को एकसूत्र में पिरोना है। अपनी यात्रा के दौरान वे जगह-जगह हिंदुओं के बीच जाकर उनसे भिक्षा स्वरूप जातीय बंधन से मुक्त होने का संकल्प मांगते हैं। एक सनातनी होने का प्रण दिलाते हैं।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि स्वामी दीपांकर की भिक्षा यात्रा हिंदू सनातन धर्म को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाएगी। आज पूरे विश्व में हिंदुओं की जो दुर्दशा है और बांग्लादेश व पाकिस्तान जैसे देशों में हिंदुओं पर जो अत्याचार हो रहा है, उसका एकमात्र कारण हिंदुओं का विभिन्न जातियों में बंटना ही है। जिस दिन हम जातिवाद के बंधन से मुक्त होकर एकजुट हो जाएंगे उस दिन वूरे विश्व में सनातन धर्म का परचम लहराएगा और हिंदू पूरी तरह से सुरक्षित होंगे। हिंदुओं को जागना होगा और एक होना होगा, तभी उनका मान-सम्मान व अस्तित्व बच पाएगा। स्वामी दीपांकर व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों, मंदिरों पर हमलों व हिंदुओं के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने तथा बांग्लादेश में इस्कॉन के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की। साथ ही इस मामले में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने व इस्कॉन के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास समेत सभी संतों को रिहा कराए जाने की मांग की।
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