डॉ.दीनदयाल मणि त्रिपाठी (प्रबंध संपादक )-
बौद्ध धर्म के प्रचारक प्रमुख ब्राह्मण बौद्ध विद्वान
क्रम | नाम | परिचय | संदर्भ / ग्रंथ |
1 | सारिपुत्र(Shariputra) | बुद्ध के दस प्रमुख शिष्यों में अग्रगण्य। धर्म और तत्त्वज्ञान के विद्वान। ब्राह्मण कुल में जन्म। ‘ | दीघ निकाय, मज्झिम निकाय अभिधम्म’ के विद्वान। |
2 | महामोग्गलान(Moggallāna) | चमत्कारी शक्ति से युक्त, तपस्वी। ध्यान साधना में पारंगत। सारिपुत्र के सहचर। | अंगुत्तर निकाय |
3 | महाकश्यप (Mahākāśyapa) | प्रथम संगीति (बौद्ध परिषद) के अध्यक्ष। बौद्ध संघ के अनुशासन में योगदान। अर्हत् पद प्राप्त। | विनय पिटक |
4 | अनुर्वद्धक (आनन्द) | बुद्ध के प्रिय शिष्य एवं प्रमुख सेवक। बुद्ध के अधिकांश उपदेश इन्हीं के माध्यम से संकलित हुए। | त्रिपिटक के सर्जक। सुत्तपिटक, दीघ निकाय |
5 | उपगुप्त (Upagupta) | मौर्य सम्राट अशोक के समय के महान प्रचारक। अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में धर्म का प्रचार किया। | अशोकवदाना |
6 | बुद्धघोष (Buddhaghosa) | 5वीं शती के पालि भाषा के महान विद्वान। 'विसुद्धिमग्ग' जैसे ग्रंथों के रचयिता। श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रचारक। | विसुद्धिमग्ग, अट्टकथा |
7 | वसुबन्धु (Vasubandhu) | योगाचार दर्शन के संस्थापक। ‘अभिधर्मकोश’ के रचयिता। प्रारंभ में हीनयान, बाद में महायान को स्वीकार किया। | अभिधर्मकोश |
8 | अश्वघोष (Aśvaghoṣa) | बौद्ध कवि और दार्शनिक। 'बुद्धचरित' के रचयिता। कनिष्क के दरबार में प्रमुख स्थान। | बुद्धचरित, सौंदरानन्द |
9 | नागार्जुन (Nāgārjuna) | मध्यमक दर्शन के प्रवर्तक। शून्यवाद के प्रणेता। दक्षिण भारत के ब्राह्मण कुल में जन्म। | मूलमाध्यमककारिका |
10 | आर्यदेव (Āryadeva) | नागार्जुन के प्रमुख शिष्य। तर्कशास्त्र और दर्शनशास्त्र में सिद्ध। | चत्वारिशत् श्लोक |
11 | धर्मकीर्ति (Dharmakīrti) | बौद्ध तर्कशास्त्र के महाविद्वान। ‘प्रमाणवार्त्तिक’ के रचयिता। | प्रमाणवार्तिक |
12 | शांतिरक्षित (Śāntarakṣita) | तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रमुख प्रचारक। तर्क और योगाचार-मध्यमक समन्वय। | तत्त्वसंग्रह |
13 | कमलशील (Kamalashila) | शांतिरक्षित के शिष्य। तिब्बत के सम्राट त्रिसोंग देचेन के दरबार में बौद्ध दर्शन की प्रतिष्ठा। | भावनाक्रम |
14 | दीपालोक / दीपंकर श्रीज्ञान (Atiśa Dipankara Śrījñāna) | बंगाल के ब्राह्मण परिवार से। 11वीं शताब्दी में तिब्बत में धर्म का पुनरुत्थान किया। | बोधिपथप्रदीप |
15 | कुमारजीव (Kumārajīva) | भारत-चीन के बीच बौद्ध धर्म के प्रचारक। संस्कृत से चीनी में बौद्ध ग्रंथों का अनुवाद। | लंकावतारसूत्र (अनुवादक) |
16 | धर्मपाल (Dharmapāla) | नालंदा विश्वविद्यालय के प्रमुख आचार्य। योगाचार महायान परंपरा के विद्वान। | विमर्शिनी |
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