श्री सुन्दर कुमार (प्रधान संपादक )-
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवले की 83वीं जयंती और संगठन के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा में 17 से 19 मई 2025 तक गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज, फार्मागुडी, फोंडा के प्रांगण में ऐतिहासिक ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर गोवा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले को शॉल, माला और उपहार देकर विशेष रूप से सम्मानित किया, जबकि देश की रक्षा में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए डॉ. सच्चिदानंद परब्रह्म को सम्मानित किया गया।
इस महोत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले एवं श्रीमती कुंदा जयंत आठवले की उपस्थिति सहित 23 देशों से 19,000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित हैं। महोत्सव के प्रारंभ में शंखनाद, गणेश वंदना और वैदिक मंत्रोच्चार के बाद गणमान्यों ने दीप प्रज्ज्वलित किया।
इस अवसर पर गोवा के कुंडाई स्थित दत्त पद्मनाभ पीठ के पद्मश्री सद्गुरु बह्मेशानंद स्वामीजी और 'सनातन बोर्ड' के संस्थापक मा. देवकीनंदन ठाकुर, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री. श्रीपाद नाइक, गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदीन धवलीकर, गोवा राज्य के समाज कल्याण मंत्री श्री. सुभाष फलदेसाई, भाजपा के गोवा प्रदेश अध्यक्ष श्री दामोदर नाइक, कर्नाटक में मैसूर राजघराने के युवराज और मैसूर से सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडियार, 'सुदर्शन समाचार' के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाण के, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस एवं श्री अभय वर्तक उपस्थित थे।
इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि ‘‘सनातन राष्ट्र की आधारशिला गोवा से स्थापित हो रही है, यह ऐतिहासिक क्षण है । छत्रपति शिवाजी महाराज व धर्मवीर संभाजी महाराज के चरणस्पर्श से गोवा भूमि पावन हुई है । गोवा में आक्रमणकारियों ने लाखों हिन्दुओं का वध किया; तथापि यहां के हिन्दुओं ने सनातन हिन्दू संस्कृति अखंड रखने का कार्य किया है । ऐसी पावन भूमि में सनातन राष्ट्र के लिए शंखनाद होना, यह शुभ संकेत है । सनातन राष्ट्र निर्माण के कार्य में गोवा के धर्मप्रेमी सनातन संस्था के साथ हैं ।’’
वर्तमान में समाज में गोवा की जो गंदी छवि थी, वह दूर हो गई है और सनातन संस्था के कार्यों के कारण गोवा को परशुराम की सात्विक भूमि के रूप में मान्यता मिली है। श्री हनुमान, श्री राम और श्री कृष्ण के हाथों में शस्त्र हैं। ये हथियार धर्म की रक्षा के लिए हैं। हम शांति चाहते हैं. जब सनातन धर्म प्रबल होगा तभी विश्व में विश्वास और शांति आएगी। अगर हिन्दू आज नहीं जागे तो कल हमारा नहीं होगा। सनातन के राष्ट्र और धर्म के कार्य में सम्पूर्ण समाज को सहभागी होने की आवश्यकता है। हम भी इस कार्य में भाग ले रहे हैं। इस कार्य के लिए हमें भी आशीर्वाद प्राप्त है।
पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटन हेतु आए हिन्दुओं की उनका धर्म पूछकर हत्या की । इसलिए भारत के सम्मुख उपस्थित चुनौतियां देखीं, तो ‘सनातन धर्मियों का अस्तित्व और सनातन धर्म का संरक्षण’ अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । इसलिए सनातन धर्म को पुनर्वैभव प्रदान करने हेतु ‘शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । यह महोत्सव धर्मभक्तों को आध्यात्मिक बल देगा, एक नवचेतना और ऊर्जा प्रदान करेगा । कर्नाटक स्थित मैसूर राजघराने के युवराज तथा मैसूर के सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडीयार बोले, ‘‘अध्यात्म ही हमारा सबका मूल आधार है और वही हमारे सनातन राष्ट्र की मूल अवधारणा है । सनातन राष्ट्र यह राजनीतिक सत्ताव्यवस्था न होकर आध्यात्मिक सेवाभाव से की हुई व्यवस्था है ।’’ इस अवसर पर गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदिन ढवलीकर, भाजपा के गोवा राज्य के प्रदेशाध्यक्ष श्री. दामोदर नाईक ने अपने विचार प्रकट किए । महोत्सव के आरंभ में धर्म स्थापना के लिए 1 करोड ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ इस नामजप का आरंभ किया गया ।