सौर मण्डल से निकला प्राण गय है, अतः पृथ्वी सतह पर सूर्य की उत्तर सीमा कर्क रेखा पर गया और फल्गु नदी है, जहां श्राद्ध होता है। फल्गु अर्थात् शून्य से कला या तेज भेद द्वारा विविध सृष्टि होती है, जैसा गजेन्द्र मोक्ष में लिखा है-फल्ग्व्या च कलयाऽऽकृताः। शुक्ल पक्ष रुद्र तथा कृष्ण पक्ष शिव है। दिन रुद्र तथा रात्रि शिव है। १४ भुवन या जीव सर्ग हैं। अतः फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि होती है।
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