कुम्भ 2025 में मुस्लिमों का प्रवेश निषेध

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  • 31 October 2024
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श्री सुन्दर कुमार (प्रबंध सम्पादक )- Mystic Power- प्रयागराज में कुम्भ 2025 का की तैयारियों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से जुड़ी सभी तैयारियों के लिए समय सीमा तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। मेले की तैयारी में जुटे प्रयागराज के निवासियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतिथि देवो भव: का संदेश देश-दुनिया तक पहुंचाने की अपील की । आई सी सी सी समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि पिछली बार 2019 में किए गए प्रयासों का परिणाम था कि यूनेस्को ने प्रयागराज कुम्भ को मानवता की अमूर्त धरोहर की मान्यता दी थी। हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर इस बार प्रयागराज कुम्भ को वैश्विक स्तर पर इस प्रकार की मान्यता प्राप्त हो। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है और वह टीम वर्क यहां कुम्भ के दौरान दिखना भी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि महाकुंभ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए। योगी ने महाकुंभ को लेकर साधु संतों से अपील की है कि नकारात्मक बातों से बचें और सकारात्मक सोच से आगे बढ़ें।साधु संतों को मुख्यमंत्री योगी ने आश्वासन दिया कि महाकुंभ के दौरान गंगा का अविरल और निर्मल जल मिलेगा। जो खुले नाले गंगा में गिर रहे हैं सभी नाले टेप किए जाएंगे और शोधित जल ही गंगा में गिरेगा। सभी अधिकारी आपकी सेवा में रहेंगे, सरकार महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेगी साथ ही  संतों की मर्यादा और सम्मान के विरुद्ध कोई कार्य नहीं होगा। वहीँ दूसरी ओर महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन किए जाने की मांग का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने अखाड़ा परिषद ने यह मांग रखी है। परिषद ने कहा है कि संतों के लिए आईडी अनिवार्य की जाए क्योंकि कई दूसरे समुदाय के लोग संत बनकर महाकुंभ में घूमने लगते हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें एक संत मांग कर रहे हैं कि मुसलमानों को कुंभ क्षेत्र में दुकानें लगाने की अनुमति न दी जाए। बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें प्रमुख रूप से लव जिहाद, संतों की सुरक्षा, गो हत्या पर प्रतिबंध, कुंभ मेला क्षेत्र को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने सहित कुंभ मेले के दौरान सभी की सुरक्षा पर सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जाना शामिल है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार के कुंभ में शाही और पेशवाई जैसे नाम प्रयोग नहीं किए जाएंगे और आपसी सहमति से इनके स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले नए नाम जल्द ही सरकार को दिए जाएंगे। यही नहीं इन मांगों के न माने जाने पर मेले का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।



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