डॉ० बिपिन पाण्डेय, आचार्य ज्योतिर्विज्ञान, लखनऊ-
होली के दिन किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है | यह साफल्य – दिवस है, घुमक्कड़ों की नाई भटकने का दिन नहीं है | मौन रहना, उपवास पर रहना, फलाहार करना और गायत्री मंत्र जपना |
इस दिन जिस निमित्त से भी जप करोंगे वह सिद्ध होगा | ईश्वर को पाने के लिए जप करना | नाम –जप की कमाई बढ़ा देना ताकि दुबारा माँ की कोख में उल्टा होकर न टंगना पड़े | पेशाब के रास्ते से बहकर नाली में गिरना न पड़े | होली के दिन लग जाना लाला- लालियाँ ! आरोग्य मंत की भी कुछ मालाएँ कर लेना I
अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारणभेषजात I
नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम II
‘ हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषधि से तमाम रोग नष्ट हो जाते है, यह मैं सत्य कहता हूँ, सत्य कहता हूँ I' (धन्वंतरि महाराज)
दोनों नथुनों से श्वास लेकर करीब सवा से डेढ़ मिनट तक रोकते हुए मन–ही–मन दुहराना –
नासै रोग हरै सब पीरा I जपत निरंतर हनुमत बीरा II
फिर ५० से ६० सेकंड श्वास बाहर रोककर मंत्र दुहराना I इस दिन जप-ध्यान का फायदा उठाना, काम-धंधे तो होते रहेंगे I अपने-अपने कमरे में गोझरणमिश्रित पानी से पोछा लगाकर थोडा गंगाजल छिडक के बैठ जाना I हो सके तो इस दिन गोझरण मिला के स्नान कर लेना I लक्ष्मी स्थायी रखने की इच्छा रखनेवाले गाय का दही शरीर पर रगड़के स्नान कर लेना I लेकिन वास्तविक तत्त्व तो सदा स्थायी है, उसमें अपने ‘मैं’ को मिला दो बस, हो गया काम !
ब्रम्हचर्य-पालन में मदद के लिए “ॐ अर्यमायै नम:” मंत्र का जप बड़ा महत्त्वपूर्ण है I
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