श्रीहनुमानजी कृपा प्राप्ति हेतु सात्विक साधना 

img25
  • तंत्र शास्त्र
  • |
  • 31 October 2024
  • |
  • 0 Comments

अनिल गोविंद बोकील । नाथसंप्रदाय मे पूर्णाभिषिक्त और  तंत्र मार्ग मे काली कुल मे पूर्णाभिषिक्त के बाद साम्राज्याभिषिक्त । यह साधना किसी भी पूर्णिमा से आरंभ करे । नित्य की पूजा होने के बाद श्रीगायत्री मन्त्र का जप १ माला ( १०८ ) करे । अपने सामने एक चौरंग रखे । उसपर श्रीरामपंचायतन ( श्रीराम,सीता, लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न व हनुमान जी एका एकत्रित फोटो ) का फोटो रखे । फोटो का पूजन करे व एक पुष्पहार चढाए । अब चौरंग पर ही इस फोटो के सामने चावल की ढेरी बनकर उस पर अष्टगंध से एक स्वस्तिक बनाए । इसपर एक जलभरा कलश रखे । कलश मे चुटकीभर अष्टगंध ; १ बिल्वदल ; १ तुलसीदल ; आक का एक छोटा पान ; सफेद फूल ; १ सुपाडी ; और १ सिक्का ( Coin ) डाले । अब इस कलशपर एक तशतरी रखकर उसमे भी चावल रखकर उसपर अष्टगंध से स्वस्तिक या अष्टदलकमल बनाये । और उसपर श्रीहनुमानजी की मूर्ती/छोटा फोटो रखे । फोटो उपलब्ध ना हो तो एक सुपाडीपर श्रीहनुमानजी का आवाहन करके वह सुपाडी रख सकते है । अब श्रीहनुमानजी का पंचोपचार पूजन करे । बाद मे - ( १ ) श्रीरामरक्षा स्तोत्र - १ पाठ । ( २ ) रां रामाय नमः  - १ माला जप । ( ३ ) ओम हं हनुमते नमः  - १ माला जप ( ४ ) श्रीहनुमान स्तोत्र  -  १ पाठ ( ५ ) ओम हं हनुमते नमः  - १ माला जप ( ६ ) रां रामाय नमः - १ माला जप । ( ७ ) श्रीरामरक्षा स्तोत्र - १ पाठ । इतना करे । श्रीहनुमान स्तोत्र किसी संत महात्मा की रचना हो । छोटा भी मिला तो भी उत्तम । उक्त प्रकार से साधना होनेपर सफेद फूल चढाए । और ५ मिनिट शांत बैठकर श्रीहनुमानजी का ध्यान/स्मरण करते रहे । श्रीरामरक्षा स्तोत्रांतर्गत ३३ वा श्लोक हनुमानजी का उत्तम ध्यान है ।( मनोजवं मारुततुल्य वेगम --- श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये । ) या आपको जो भी पसंद हो उस प्रकार ध्यान करे । बाद मे प्रणाम करके उठ जाये ।  इस प्रकार यही साधना ११ दिनतक करे । इस से श्रीहनुमानस्तोत्र की सिद्धी होगी । वो अपनी कृपा बरसने लगेंगे ।  ऐसी ११ दिन की साधना = १ मंडल हुआ । इसी प्रकार ११ मंडल ( १२१ दिन ) करे तो पूर्ण कृपा होती है । श्रीहनुमानजी के प्रत्यक्ष दर्शन भी हो सकते है ।   पहले दिन जो रचना चौरंगपर की है वह रोज नयी करना आवश्यक नहीं । पहले ही दिन की रचना अंतिम दिनतक वैसी ही रख सकते है । सिर्फ पूजा के लिए फोटो उठाकर लेना होगा । कोई ११ मंडल करना चाहे तो निरंतर १२१ दिन कर सकते है । या बीच मे कुछ दिन रुककर भी अगला मंडल शुरू कर सकते है । किसी कारणवश मंडल पूरा नहीं हुआ तो ; वह मंडल फिर शुरू से करना होगा ।



Related Posts

img
  • तंत्र शास्त्र
  • |
  • 26 September 2025
शिव-तत्व

0 Comments

Comments are not available.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post Comment