इस यंत्र ने रोका महाभारत के अस्त्रों का दुष्प्रभाव

img25
  • मिस्टिक ज्ञान
  • |
  • 31 October 2024
  • |
  • 0 Comments

शृंगी ऋषि कृष्णदत्त जी महाराज- उस महान योगी ने अपने जीवन में एक ऐसे महान यन्त्र को खोजा, जिसको अब तक केवल दो ने जाना है। त्रेता के काल में महाराजा लक्ष्मण जी ने और द्वापर में स्वयं महाराजा कृष्ण ने। महाभारत के संग्राम का जितना आँगन था, उसके चारों ओर एक यान्त्रिक रेखा का महाराजा कृष्ण द्वारा प्रयोग किया गया था, जिसके कारण संग्राम के यन्त्रों का दूषित प्रभाव, उस रेखा से बाहर न जा सका अर्थात् संग्राम भूमि से बाहर अन्य प्राणियों पर उन यन्त्रों का कोई दूषित प्रभाव नहीं हुआ था। इसको स्वानमाम की रेखा कहते हैं। यह क्या है? यह महान यौगिकता और महान् वैज्ञानिकता है जिसमें षोडश कलाओं को जाना जाता है। आज हम उन महान आत्माओं का कहाँ तक गुणगान करें। जैसे परमात्मा अनन्त है, उसके गुण अनन्त हैं, ऐसे ही महान व्यक्ति अनन्त गुणों के होते हैं। आज हमें विचारना चाहिए और जैसा मानव, जैसा योगी हो, उसको वैसा उच्चारण करने में मानव का कोई दोष नहीं, कोई आपत्ति नहीं। परमात्मा को भिन्न-भिन्न रूपों में अवश्य पुकारना चाहिए| परन्तु देखो, परमात्मा इतना न्यायशील है, महान सर्वज्ञ है, सर्व शक्तिमान् है, हम उसको यह कहें कि परमात्मा योगी बन करके आ गया। अरे, परमात्मा तो योगियों का योगी है, आज वह संसार में सीमित बन करके क्यों आएगा? जो महान का भी महान है, वह संसार में अल्प बन करके क्यों आएगा?



Related Posts

img
  • मिस्टिक ज्ञान
  • |
  • 13 November 2025
काल एवं महाकाल का तात्पर्यं
img
  • मिस्टिक ज्ञान
  • |
  • 08 November 2025
शतमुख कोटिहोम और श्रीकरपात्री जी

0 Comments

Comments are not available.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Post Comment