गतित्रय प्रबोध: पाप पुन्य वाली योनियां

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  • मिस्टिक ज्ञान
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  • 31 October 2024
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श्री मुदित मिश्र- Mystic Power- तीन गुणों से तीन प्रकार के पाप-पुण्य और उनसे मिलने वाली योनियाँ   तामसिक वृत्ति:-   १.जिन लोगों के काम-अत्यन्त तमोगुणी वृत्ति से होते हैं, वह मर कर स्थावर,वृक्षादि या कीड़े-मकोड़े,मच्छर,सर्प,कछुए,पशु और मृग के जन्म को प्राप्त होते हैं। (मनु० १२/४२).   २.'मध्यम तमोगुणी' गति वाले, म्लेच्छ,हाथी,घोड़े,शूद्र निन्दित,सिंह,व्याघ्र,वराह (सुअर) आदि के जन्मों को प्राप्त होते हैं। (मनु० १२/४३).   ४.'उत्तम तमोगुणी' वृत्ति-युक्त, मनुष्य भाट,कवीश्वर,डोम,सुन्दर पक्षी,दम्भी पुरुष,राक्षस,पिशाच,अनाचारी,मद्यादि वर्जित आहार करने वाले,मलिन रहने वाले जन्मों को प्राप्त होते हैं। (मनु० १२/४४).   रजोगुणी गति:-   (१) अत्यन्त रजोगुणी निकृष्ट गति वाले, जल्लाद(तलवार आदि से मारने वाले) अथवा कुदाल आदि से खोदने वाले,मल्लाह,नट बाजीगर,शस्त्रधारी नर्तक,जो मद्यादि पीने-पिलाने में आसक्त रहते हैं,का जन्म पाते हैं। मनु० १२/४५).   (२) मध्यम रजोगुण युक्त गति के मनुष्य, राजा,क्षत्री वर्ण वाले,राजाओं के पुरोहित,वाद-विवाद करने वाले प्रचारक,दूत,वकील,बैरिस्टर,युद्ध विभाग के अध्यक्ष (अफसर) आदि का जन्म पाते हैं।   (३) उत्तम रजोगुण युक्त गति वालों को, गन्धर्व,गाने बजाने वाले,धनपति,विद्वानों के सेवक,अप्सरा (सुन्दर रुपवती स्त्री) आदि की योनि मिलती है। (मनु० १२/४७).   सतोगुणी गति वाले:-   (१) निकृष्ट सतोगुणी प्रकृति वालों को, तपस्वी,ऋषि,सन्यासी,वेदपाठी,विमान चलाने वाले,ज्योतिषी,दैत्य (देह-पोषक) आदि का जन्म मिलता है। (मनु० १२/४८).   (२) मध्यम सतोगुणी गति वालों की, यह स्थिति है कि वह यज्ञ करने और कराने वाले,वेदार्थ के पण्डित् विद्वान,वेद-वेत्ता और काल विद्या के जानने वाले,रक्षक ज्ञानी साध्य अर्थात् कार्य-सिद्धि के लिए सेवा करने योग्य अध्यापक आदि का जन्म पाते हैं। (मनु० १२/४९).   (३) उत्तम सतोगुणी वालों की गति, (सब वेदों का ज्ञाता) विश्व सर्जन अर्थात् समस्त सृष्टि क्रम विद्या को जानकर नाना प्रकार के यान,कला-कौशल आदि के बनाने वाले,धार्मिक,सर्वोत्तम बुद्धि से युक्त और अव्यक्त के जन्म तथा प्रकृति-वशित्व सिद्धि को प्राप्त होते हैं। (मनु० १२/५९).    



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