श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ)-
Mystic Power - त्रिशांश कुंडली :- त्रिशांश कुंडली के द्वारा कष्ट व अनिष्ट का विचार किया जाता है !
यह विषम रशोयो में प्रथम 0 से 5 डिग्री मंगल में तथा दूसरा 0 से 5 डिग्री शनि के तीसरा आठ अंश धनु राशी गुरु का चौथा सात अंश मिथुन राशी के बुध का पांचवा पांच अंश तुला राशी के शुक्र का होता है !
सम राशियों में प्रथम पांच अंश वृष राशी के शुक्र का दूसरा सात अंश कन्या राशी के बुध का तीसरे आठ अंश मीन राशी के चौथे पांच अंश मकर राशी के पांचवा पांच अंश वृश्चिक राशी के होता है !
1. त्रिशांश कुंडली में अनिष्ट घटनाओ का विचार करते समय यह अवश्य ध्यान रखे की यह घटनाए तभी घटित होंगी जब महादशा योगनी दशा व गोचर में इन ग्रहों में घटनाओ का संचरण होगा !
2. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि केंद्र या त्रिकोण में स्थित हो तो जातक के जीवन में शुभ घटनाए ज्यादा व अशुभ घटनाए कम होती है !
3. परन्तु यदि त्रिक भाव 6 8 12 वे भाव में लग्नेश आ जाए या पाप ग्रहों से युत या द्रष्ट हो तो जातक के जीवन अंत गृह अनुकूल वस्तु विशेष के संपर्क में आने से होता है !
4. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश सूर्य हो तो ऊँचे स्थान से गिरकर म्रत्यु को प्राप्त होता है
5. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि चन्द्रमा हो तो जल में डूबकर या जलोधर सम्बंधित बीमारी से म्रत्यु होती है जलोधेर बीमारी में कैथे की चटनी काफी फायदा करती है !
6. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि मंगल हो तो श्ष्ट्र से या शैल्य क्रिया के दारा मृत्यु होती है
7. त्रिशांश कुंडली का लग्नेशयदि शनि हो तो वाहन से मृत्यु का विचार किया जाता है !
8. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि गुरु हो तो वायु सम्बन्धी रोग जैसे पथरी किडनी गैस फैट आदि से सम्बंधित रोग से मृत्यु का विचार किया जाता है
9. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि शुक्र हो तो विलाशिता से या फिर शुगर की बीमारी से मृत्यु होती है !
10. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि बुध हो तो व्यापर मेर घाटे से या व्यापारिक धोखे से!
11. त्रिशांश कुंडली का लग्नेश यदि राहु केतु हो तो विष से या विष युक्त जानवरों के काटने से और आत्म हत्या के द्वारा मृत्यु का विचार किया जाता है!
12. त्रिशांश कुंडली के षष्टेश के अनुसार जातक को रोग उत्पन्न होते है !
13. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि सूर्य है है तेज़ ज्वर नेत्र रोग आधा शिशिर पीड़ा पीलिया ह्रदय रोग आदि !
14. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि चन्द्रमा है तो काफ शीत मानसिक रोग यूरिन सम्बन्धी रोग
15. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि मंगल है तो रक्त विकार रक्त चाप और फोड़े फुंसी!
16. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि बुध है तो त्वचा सम्नाधि रोग छोटी आंत के रोग श्वास रोग और बैक बोन से सम्बंधित रोग होते है !
17. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि गुरु हो तो आलस्य संन्पात कर्ण दोष लीवर आदि के रोग!
18. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि शुक्र हो तो गुप्तांग के रोग प्रजनन सम्बन्धी रोग शुगर व कलंक भी लगता है!
19. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि शनि हो तो वात विकार आस्थि भंग लक्वा शत्रु से पीड़ा विवाद व जेल यात्रा!
20. त्रिशांश कुंडली में षष्टेश यदि राहु केतु हो तो डिप्रेशन!
21. राहु केतु यदि लग्न में हो तो कैंसर से म्रत्यु का विचार किया जाता है !
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