वर्तमान में होली की रचना करते समय कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक, पुराना फर्नीचर, रबर, केमिकल युक्त पदार्थ आदि जलाए जाते हैं, जिससे...
वे धर्म भीरु थे। यह ही कारण है कि उन्हें धर्मराज कहा जाता है ।...
ध्यान कोई कोई धर्म नहीं, यह तो एक एक व्यावहारिक, व नियोजित तकनीक है, जिसके माध्यम से अपने-आप को सभी...
तीन ग्रह स्वस्थ (अर्थात् बली) हों तो जातक मन्त्री; तीन ग्रह उच्च के हों तो राजा; तीन ग्रह नीच के हों तो...
महर्षि पाणिनि के अनुसार-अञ्जू गति पूजनयो: धातु से अग्नि शब्द बना है, जिसका अर्थ है वह जिसमें गति है यानी...
देवता सर्वव्यापी हैं,मूर्ति में भी हैं और अमूर्त भी हैं । किन्तु विशिष्ट अनुष्ठानों में विशिष्ट विग्रहों में स्थित होकर...
सूर्य केन्द्रित चक्रों के रूप में ३ चक्र सौर मण्डल के भीतर हैं, जो विष्णु के ३ पद हैं। प्रथम...
वेद में परमात्मा को ओ३म् नाम से अभिहित किया गया है अन्य सभी नाम उसके गुणों के आधार पर विशेषण...
जिनके गले में सर्पों का हार विभूषित है, जो त्रिनेत्रधारी हैं, भस्म ही जिनके शरीर का अंगराज (उबटन) है, जो...
भगवान शिव का स्वरूप अत्यंत अलौकिक और रहस्यमय है। वे विभिन्न वस्त्र, आभूषण और प्रतीक धारण करते हैं, जो उनके...