शिवालय के प्रत्येक मंदिर में नन्दी के दर्शन सर्वप्रथम होते है! यह शिव का वाहन है! यह सामान्य बैल नहीं...
भारत का हृदय स्थान पुरी है, जो ९ खण्डों के भारतवर्ष का उत्तर-दक्षिण और पूर्व पश्चिम दिशा में केन्द्र भाग...
विष्णु यज्ञ रूप हैं, अतः असुरों द्वारा यज्ञ में बाधा होने पर विष्णु के पास गये, जिनके जाग्रत रूप जगन्नाथ...
सनातन संस्था की ओर से 1 व्यक्ति को ‘हिंदू राष्ट्ररत्न’ और 5 व्यक्तियों को ‘सनातन धर्मश्री’ पुरस्कार देकर गौरव प्रदान किया गया...
प्रतिष्ठा में जहां एक कुण्ड का विधान वहाँ ईशान, पूर्व, पश्चिम, सत्तर आदि का कण्ड आचार्य कुण्ड होता है। प्रतिष्ठा...
प्रातःसंध्या का तो समस्त कार्य पूर्वाभिमुख होकर ही करना चाहिये। परंतु मध्याह्न-संध्या और सायं-संध्या में अर्घ्य, उपस्थान और जप- सूर्य...
परब्रह्म हमारी कल्पना से परे है, अतः उसे ३ विभागों में वर्णन करते हैं। हर प्रकार से विभाजन करने पर...
व्यक्ति, समाज या राष्ट्र के अंगों का आन्तरिक समन्वय १७ प्रकार से है जो दीखता नहीं है। वह कृष्ण गति...
गर्भशुद्धिकारक हवन, जातकर्म, चूडाकरण तथा मौञ्जीबन्धन (उपनयन) आदि संस्कारों के द्वारा द्विजों के बीज तथा गर्भसम्बन्धी दोष- पाप नष्ट हो जाते हैं।...
भगवान सूर्यदेवजी ब्रह्माजी, भगवान विष्णु और शिवजी का साकार संयुक्त स्वरूप होने के कारण परब्रह्म का आसानी से बोधगम्य साकार रूप...