अपार करुणामूर्ति जगज्जननी भगवती शिवा और शिव ही समस्त सृष्टि के स्रष्टा हैं। इनकी कृपा से ब्रह्मादि देव याविर्भूत होकर...
गोस्वामी तुलसीदास जी के सम्बन्ध में बहुत-सी कथाएँ भी प्रचलित हैं कि उन्होंने किसी स्त्री के मृत पति को जिला...
दक्षिणामूति का बाश्रयण करने से इसे दक्षिणाचार कहा गया है। यह आचार वीरभाव और दिव्यभाव सम्पन्न साधकों के लिए प्रवर्तित...
वैदिक विधि से संकल्पपूर्वक देवार्चन करना, मद्य-मांस का सेवन न करना, ब्रह्मचर्य पालन करना, लोभ-मोह से दूर रहना, एकान्त, शान्त...
सिद्धार्थ बुद्ध के पूर्व ७ मुख्य बुद्ध थे, जिनका वर्णन सप्ततथागत में है-विपश्यि, शिखि, विश्वभू, क्रकुच्छन्द, कनकमुनि, कश्यप (द्वितीय), गौतम।...
यज्ञ चक्र चलने से अन्न सम्पत्ति अक्षय रहती है तथा समाज या सभ्यता सनातन रहती है। अतः अन्न उत्पादन के...
निर्णय सिन्धु, द्वितीय परिच्छेद के वैशाख मास वर्णन में भार्गवार्चन दीपिका को उद्धृत कर कहा है कि स्कन्द पुराण तथा...
भारतीय पुराणों के अनुसार इसमें सूर्यवंशी राजा बाहु मारे गये थे। इस यवन आक्रमण में भारत के हैहय तथा तालजंघ...
वेदों की भाषा संस्कृत है। सर्वप्रथम हम संस्कृत भाषा के कुछ विशेष अक्षरों के नाम तथा उनके उच्चारण की विधि...
एक ही तत्त्व उत्पत्ति, स्थिति और संहार के लिये ब्रह्मा, विष्णु और शिव- इन तीन रूपों में आया है। इस...