बौद्ध धर्म के प्रचारक प्रमुख ब्राह्मण बौद्ध विद्वान...
ब्रह्मा में सृष्टि-शक्ति, विष्णु में पालनशक्ति तथा महेश में संहारशक्ति निहित है। इसी प्रकार सूर्य में प्रकाश-शक्ति, अग्नि में तेजशक्ति, जल में शैत्य...
वेदान्त-दर्शन में कहा गया है कि देवता एक ही समय अनेक स्थानों में भिन्न-भिन्न रूप से प्रकट होकर अपनी...
बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में जिन अनेक वर्गों ने भूमिका निभाई, उनमें ब्राह्मणों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा।...
यह विषय हम सीधे-सीधे कुण्डलिनी साधना से जोड़ रहे है। जो भी व्यक्ति साधनाओं में रूचि रखते हैं। वो आज्ञा...
उषा की लाली से पूर्व ही स्नान करना उत्तम है। इससे प्राजापत्य व्रत का फल प्राप्त होता है। तेल लगाकर...
श्रीकृष्ण को केवल गीता में भगवान् कहा है, जब वे समाधि अवस्था में ब्रह्म के साथ एकाकार थे। महाभारत में...
शिक्षा का प्रभाव उसी पर होता है जिसमें ज्ञान प्राप्त करने की प्यास है। जो ज्ञान प्राप्त करने का इच्छुक...
न्यास का अर्थ है स्थापन। बाहर और भीतर के प्रत्येक अङ्ग में इष्टदेवता और मन्त्र का स्थापन ही न्यास है।...
प्रत्येक ईश्वरवादी ईश्वर को सत् मानता है अर्थात् ईश्वर का अस्तित्व उसके लिये सदा बना रहता है। प्राणियों की तरह...